नींद आती नहीं रात भर अब प्रिये
गीत
याद में आज आंखें बरसने लगीं,
तुम गए हो कहां मेरा दिल तोड़ कर।
नींद आती नहीं रात भर अब प्रिये,
चैन पाओगे क्या तुम मुझे छोड़ कर।।
बिन तुम्हारे लगे जिंदगी इस तरह,
ज्यो वदन टूट कर मेरा आधा हुआ।
मन के उपवन के सब फूल बिखरे पड़े,
तीर मारा है तुमने यूं साधा हुआ।।
तुम मेरी साधना, मेरी आराधना,
छुप गई हो कहां मुझसे मुंह मोड़ कर।
नींद आती नहीं रात भर अब प्रिये,
चैन पाओगे क्या तुम मुझे छोड़ कर।।
मेरे अंतस में उठती हुई वेदना,
तुम बताओ मुझे मैं बताऊं किसे।
प्रेम पथ जैसे अवरुद्ध सा हो गया,
बिन तुम्हारे भला मैं बुलाऊं किसे।।
आश कोई नहीं, पास कोई नहीं,
खाश आ जाओ धानी चुनर ओढ़ कर।
नींद आती नहीं रात भर अब प्रिये,
चैन पाओगे क्या तुम मुझे छोड़ कर।।
लग रहा हूं खिलाड़ी मैं सारा हुआ,
टूट कर ये हृदय पारा पारा हुआ।
बिन तुम्हारे मेरा यूं गुजारा हुआ,
मैं समंदर के मानिंद खारा हुआ।।
मत कहो मनचला, मैं गया हूं छला,
फिर से कर दो भला, मुझसे दिल जोड़ कर।
नींद आती नहीं रात भर अब प्रिये,
चैन पाओगे क्या तुम मुझे छोड़ कर।।
मन में मूरत तुम्हारी बस्ती इस तरह,
कोई दूजा यहां पर ठहरता नहीं।
मर चुके मेरे अरमान सारे प्रिये,
सांस में इस है तो मैं मरता नहीं।।
आज रावत कन्हैया बुलाए तुम्हें,
मेरी राधा चली आओ अब दौड़ कर।
नींद आती नहीं रात भर अब प्रिये,
चैन पाओगे क्या तुम मुझे छोड़ कर।।
रचनाकार
भरत सिंह रावत भोपाल
7999473420
9993685955
प्रतियोगिता हेतु
Abhinav ji
02-May-2022 06:26 AM
Very nice👍
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Shrishti pandey
01-May-2022 09:29 PM
Nice
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Punam verma
01-May-2022 03:42 PM
Very nice
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